मानसिक स्वास्थ्य: हम सबकी जिंदगी का एक हिस्सा
मानसिक स्वास्थ्य का मतलब है हमारी मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक भलाई। यह हमारे सोचने, महसूस करने और कार्य करने के तरीके को प्रभावित करता है। जीवन में तनाव, रिश्तों में परेशानी और रोज़मर्रा की चुनौतियों से निपटने के लिए मानसिक स्वास्थ्य का मजबूत होना बेहद ज़रूरी है। मानसिक स्वास्थ्य सामाजिक-आर्थिक, जैविक और पर्यावरणीय कारकों द्वारा निर्धारित होता है।
WHO के अनुसार “मानसिक स्वास्थ्य सिर्फ मानसिक विकारों की अनुपस्थिति नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी अवस्था है जिससें व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का पता चलता है, इससे एक व्यक्ति अपने जीवन के सामान्य तनावों का सामना कर सकता है, उत्पादक और सार्थक रूप से कार्य कर सकता है, और अपने समुदाय में योगदान कर सकता है।”
मानसिक स्वास्थ्य क्या है?
मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ है व्यक्ति के मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक कल्याण की स्थिति। यह इस बात को निर्धारित करता है कि हम किस प्रकार सोचते हैं, महसूस करते हैं और अपने दैनिक जीवन की परिस्थितियों का सामना करते हैं। जब हम मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं, तो हम अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग कर पाते हैं, जीवन के तनावों से निपट सकते हैं, और दूसरों के साथ अच्छे संबंध बना सकते हैं।
कभी-कभी हम सब अपनी जिंदगी में उतार-चढ़ाव महसूस करते हैं। कभी हम खुश होते हैं, कभी उदास, कभी चिंतित। ये सब भावनाएं आम हैं। लेकिन जब ये भावनाएं बहुत ज्यादा हो जाएं और हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करने लगें, तो यह संकेत हो सकता है कि हमें मानसिक स्वास्थ्य की समस्या हो सकती है।
क्यों है मानसिक स्वास्थ्य महत्वपूर्ण?
मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि हमारा शारीरिक स्वास्थ्य। एक स्वस्थ मन हमें एक स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है। जब हमारा मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होता है, तो हम:
- खुश और संतुष्ट रहते हैं
- अच्छी तरह से सो पाते हैं
- अपने काम और रिश्तों में सफल होते हैं
- तनाव से बेहतर तरीके से निपटते हैं
मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं क्यों होती हैं?
मानसिक रोग कई कारणों से हो सकते हैं, जो शारीरिक, मानसिक और सामाजिक परिस्थितियों से जुड़े होते हैं। आइए इन कारणों को समझते है –
1. शारीरिक (Biological) कारण-
- आनुवंशिकी (Genetics): मानसिक रोगों का एक बड़ा कारण पारिवारिक इतिहास हो सकता है। अगर परिवार में किसी सदस्य को मानसिक समस्या पहले से हो रही है, तो उसकी संभावना बढ़ जाती है, कि उसके आने वाले बच्चों को हो सकते है।
- मस्तिष्क का रासायनिक असंतुलन (Chemical Imbalance): मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर (जैसे सेरोटोनिन और डोपामिन) का असंतुलन मानसिक रोगों जैसे अवसाद (डिप्रेशन) और चिंता (एंग्जायटी) का कारण बन सकता है।
- मस्तिष्क की चोट (Brain Injury): दुर्घटना के समय सर पर गहरी चोट लगा हो तो इससे भी मानसिक विकार हो सकते हैं।
- गर्भावस्था और जन्म के समय की जटिलताएं: जन्म के समय माँ को या गर्भ में पल रहे बच्चे को किसी कारण वश चोट लग जाती है तो उस अवस्था में भी या गर्भावस्था के दौरान मां के द्वारा नशीले पदार्थों का सेवन करने से भी मानसिक रोग का खतरा बढ़ जाता है।
2. मानसिक (Psychological) कारण
- गंभीर आघात (Trauma): बचपन में बच्चे के साथ हुए दुर्व्यवहार, हिंसा, या किसी गहरे सदमे का अनुभव भविष्य में मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है।
- लंबे समय तक तनाव: लगातार तनाव में रहने से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लंबे समय तक तनाव में रहने से व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर हो सकता है।
- खुद के प्रति नकारात्मक सोच: बार-बार खुद को असफल या कमजोर मानने से आत्मविश्वास की कमी मानसिक रोगों का कारण बन सकती है।
- भय और चिंता: भविष्य कि चिंता किसको नहीं होती ? लेकिन भविष्य को लेकर अत्यधिक चिंता करना या भविष्य को लेकर डर महसूस करना मानसिक समस्याओं को पैदा कर सकता है।
3. सामाजिक (Social) कारण
- पारिवारिक समस्याएं: आज के समय में पारिवारिक समस्याए से सभी जूझ रहे है,परिवार में अस्थिर पारिवारिक माहौल, जैसे- घरेलू हिंसा या रिश्तों में तनाव, मानसिक रोग का कारण बनता जा रहा है।
- आर्थिक समस्याएं: बेरोजगारी आज के समय में सबसे बड़ी समस्यां होती जा रही है। जिससे लोगो में तनाव बनी रहती है और गरीबी, या आर्थिक असुरक्षा भी मानसिक तनाव और चिंता का कारण बन सकती है।
- सामाजिक अलगाव (Isolation): अकेलापन या समाज से दूरी मानसिक रोगों को बढ़ावा देती है।
भेदभाव और दबाव: जाति, धर्म, लिंग, या किसी अन्य आधार पर भेदभाव और दबाव मानसिक स्वास्थ्य को खराब कर सकता है।
4. पर्यावरणीय (Environmental) कारण
- नशीले पदार्थों का सेवन: शराब, तंबाकू, और ड्रग्स का अत्यधिक उपयोग मानसिक समस्याओं का प्रमुख कारण हो सकता है। इन नशीले पदार्थो के बारे में जानने के बाद भो लोग नशीले पदार्थो का सेवन करना छोड़ नहीं पा रहे है जिनसे मानसिक समस्या बढ़ता जा रहा है ।
- प्रदूषण और शोर: खराब पर्यावरणीय स्थितियां, जैसे प्रदूषण, शोर, या अस्वास्थ्यकर रहने की स्थिति, मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं।
- काम का दबाव: अत्यधिक काम का बोझ, असुरक्षित नौकरी, या कार्यस्थल का नकारात्मक वातावरण मानसिक तनाव का कारण बनता है।
5. भावनात्मक कारण
- जीवन का उद्देश्य न समझना:
जीवन में उद्देश्य और संतोष की कमी मानसिक अवसाद का कारण बन सकती है। - भावनात्मक सहारा न मिलना:
दोस्तों और परिवार से भावनात्मक समर्थन न मिलना मानसिक रोग को जन्म दे सकता है।
असफलता का डर: जीवन में बार-बार असफलता का सामना करना व्यक्ति को मानसिक रूप से कमजोर कर सकता है।
मानसिक बीमारी के लक्षण - Symptoms of Mental Illness
मानसिक बीमारी होने की संभावना कई कारणों और स्थितियों पर निर्भर करती है। हालांकि, कुछ विशेष समय या परिस्थितियां ऐसी होती हैं जब इसकी संभावना बढ़ जाती है। नीचे ऐसे कुछ कारक दिए गए हैं, जिनसे आपको अधिक सतर्क रहना चाहिए:
1. कठिन परिस्थितियों का सामना करते समय
- तनाव और दबाव: काम, पढ़ाई, या परिवार से जुड़ा ज्यादा तनाव।
- आर्थिक समस्याएं: पैसे की तंगी या कर्ज की समस्या।
भावनात्मक झटके: किसी करीबी का निधन, रिश्ते का टूटना, या किसी बड़े नुकसान का सामना।
2. लंबे समय तक अकेलापन महसूस करना
- दोस्तों, परिवार या सामाजिक संबंधों की कमी।
- सामाजिक अलगाव या अकेले रहने की आदत।
3. शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं
- लंबे समय तक बीमार रहना या किसी गंभीर बीमारी का सामना करना।
- शरीर की कमजोरी या दर्द मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है।
4. पारिवारिक इतिहास
- अगर परिवार में किसी को मानसिक बीमारी रही है, तो इसकी संभावना बढ़ सकती है।
5. बचपन के आघात
- बचपन में शोषण, उपेक्षा, या भावनात्मक आघात का अनुभव।
6. लत या नशे की आदतें
ज्यादा शराब पीना, धूम्रपान, या नशे का सेवन करना मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।
7. बड़े बदलाव या जिम्मेदारियां
- नई नौकरी, शादी, बच्चे का जन्म, या किसी नई जगह पर जाना।
- बदलाव की वजह से मानसिक दबाव बढ़ सकता है।
8. नींद की कमी
- लगातार नींद पूरी न होना चिंता और डिप्रेशन को बढ़ा सकता है।
9. समाज का दबाव
- समाज या परिवार की उम्मीदों पर खरा उतरने का दबाव।
- दूसरों की तुलना में खुद को कमतर महसूस करना।
10. सामाजिक या प्राकृतिक आपदाएं
- युद्ध, महामारी (जैसे COVID-19), या प्राकृतिक आपदा के बाद।
कैसे पहचानें कि आपको मदद की जरूरत है?
- आप लगातार उदासी या चिंता महसूस कर रहे हैं।
- काम में मन नहीं लग रहा है।
- लोगों से दूर रहने का मन करता है।
- छोटी-छोटी बातें आपको परेशान कर रही हैं।
- नींद, भूख या ऊर्जा में बदलाव महसूस हो रहा है।
अगर आप इनमें से किसी भी स्थिति का सामना कर रहे हैं, तो किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बात करें या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें। जल्दी कदम उठाने से हालात बेहतर हो सकते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियां -Mental Health Disorders
मानसिक बीमारियां वे स्थितियां हैं जो हमारी सोच, भावना और व्यवहार को प्रभावित करती हैं। यह एक अस्थायी समस्या हो सकती है, जैसे कि तनाव या अवसाद, या एक गंभीर और दीर्घकालिक समस्या, जैसे कि सिज़ोफ्रेनिया या बाइपोलर डिसऑर्डर। मानसिक बीमारियां न केवल व्यक्ति पर बल्कि उसके परिवार और समाज पर भी गहरा प्रभाव डालती हैं।
यह हम मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियां के बारे में बात करेंगे, जिसमे हमने उसके लक्षण,कारण और इलाज के बारे में बताये है-
1. अवसाद (Depression):
अवसाद एक आम मानसिक समस्या है जिसमें व्यक्ति लगातार उदासी, निराशा और ऊर्जा की कमी को महसूस करता है।
- लक्षण: लगातार उदासी, आत्महत्या के विचार, भूख और नींद में कमी, थकान, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई।
- कारण: हार्मोनल असंतुलन, तनावपूर्ण घटनाएं, अनुवांशिकता।
इलाज: अवसाद एक आम समस्यां है,इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है – थेरेपी, एंटीडिप्रेसेंट दवाएं, जीवनशैली में बदलाव। इन सभी को अजमाकर आप अवसाद से छुटकारा पा सकते है
2. चिंता विकार (Anxiety Disorders):
चिंता विकार में व्यक्ति को लगातार डर और घबराहट महसूस होती है। Anxiety Disorders के दो प्रकार से होते है, एक Panic Disorder और Phobia.
प्रकार:
a.पैनिक डिसऑर्डर (Panic Disorder):
पैनिक डिसऑर्डर में व्यक्ति को घबराहट और डर ज्यादा होती है,इनके कुछ लक्षण है।
- लक्षण: तेज दिल की धड़कन, सांस लेने में कठिनाई, शरीर में झुनझुनी, अत्यधिक डर।
- कारण: तनावपूर्ण घटनाएं, आनुवंशिकता।
- इलाज: रिलैक्सेशन तकनीक, दवाएं, थेरेपी।
b. फोबिया (Phobia):
फोबिया का मतलब है किसी चीज़, स्थान या स्थिति का सामने आने से अत्यधिक डर लगाना। इसे आम भाषा में समझें तो फोबिया तब होता है जब किसी चीज़ से हम ज्यादा डरने लगते है और वह डर इतना बढ़ जाता है कि उसके बारे में सोचने या सिर्फ देखने से ही हमें डर लगने लगता है।
- लक्षण: जैसे कुछ लोगों को ऊंचाई से डर (जिसे Acrophobia कहते है) लगता है, तो वे ऊंचे स्थानों पर जाने से बचते हैं। किसी को पानी से डर (जिसे Hydrophobia कहते है) होता है, तो वो तैराकी या पानी के पास जाने से घबराते हैं। ऐसे डर को फोबिया कहते हैं, और यह आमतौर पर आपके मन में उस चीज़ या स्थिति से जुड़ी नकारात्मक सोच या अनुभव के कारण होता है।
- इलाज: इसका इलाज संभव है, जिसमें थेरेपी और काउंसलिंग के मदद से हो सकती हैं।
c. सोशल एंग्जायटी (Social Anxiety):
इसमें व्यक्ति को सामाजिक स्थितियों में असहजता और घबराहट महसूस होती है।
- लक्षण: लोगों के सामने बोलने या मिलने में डर, शर्मिंदगी की भावना।
- इलाज: ग्रुप थेरेपी, माइंडफुलनेस तकनीक।
3. बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder):
इस बीमारी में व्यक्ति के मूड में अत्यधिक उतार-चढ़ाव होता है।
- लक्षण: मैनिक (उत्साह) और डिप्रेसिव (उदासी) एपिसोड, अतिविश्वास, अत्यधिक ऊर्जा, निर्णय लेने में परेशानी।
- कारण: अनुवांशिकता, मस्तिष्क में रसायनों का असंतुलन।
- इलाज: मूड स्टेबलाइजर्स, मनोचिकित्सा, जीवनशैली प्रबंधन।
4. सिज़ोफ्रेनिया (Schizophrenia):
यह एक गंभीर मानसिक बीमारी है जिसमें व्यक्ति वास्तविकता से संपर्क खो देता है।
- लक्षण: भ्रम (Delusions), भ्रांति (Hallucinations), असामान्य व्यवहार, सामाजिक दूरी।
- कारण: अनुवांशिकता, मस्तिष्क संरचना में गड़बड़ी।
- इलाज: एंटीसाइकोटिक दवाएं, थेरेपी, परिवार का सहयोग।
5. ओसीडी (Obsessive-Compulsive Disorder):
ओसीडी में व्यक्ति को बार-बार एक ही विचार आता है या एक ही काम को बार-बार करने की आदत हो जाती है।
- लक्षण: बार-बार हाथ धोना, दरवाजे चेक करना, अनचाहे विचार।
- कारण: न्यूरोलॉजिकल असंतुलन, तनाव, आनुवांशिकता।
- इलाज: CBT, एक्सपोज़र थेरेपी, दवाएं।
6. पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD):
यह उन लोगों में होता है जिन्होंने कोई दर्दनाक घटना देखी या अनुभव की हो।
- लक्षण: फ्लैशबैक, डरावने सपने, भावनात्मक सुन्नता, घबराहट।
- कारण: युद्ध, दुर्घटना, यौन शोषण जैसी घटनाएं।
- इलाज: ट्रॉमा-फोकस्ड थेरेपी, मेडिकेशन।
मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उपाय- Tips for good mental health
मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए कुछ आसान और असरदार तरीके हैं, जिन्हें आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में अपना सकते हैं। चलिए इन्हें समझते हैं:
1. खुद को हेल्दी रखें
- खाने-पीने का ध्यान रखें: ताजे फल, हरी सब्जियां और हल्का खाना खाएं। जंक फूड से बचें।
- एक्सरसाइज करें: रोज थोड़ी-बहुत कसरत करें, जैसे टहलना, योग या हल्की-फुल्की एक्सरसाइज। इससे शरीर भी अच्छा रहेगा और मन भी।
- नींद पूरी लें: रोजाना 7-8 घंटे की नींद जरूरी है। इससे दिमाग शांत रहता है।
2. टेंशन को दूर भगाएं
- मेडिटेशन और ध्यान करें: हर दिन थोड़ा समय बैठकर ध्यान लगाएं। गहरी सांस लें और खुद को रिलैक्स करें।
- मनपसंद काम करें: जो भी चीज़ आपको खुशी देती है, जैसे गाना सुनना, किताब पढ़ना या पेंटिंग करना, उसे करें।
- अपना रूटीन बनाएं: दिनभर के कामों का एक टाइम टेबल बनाएं और उसी के हिसाब से चलें।
3. सकारात्मक सोच रखें
- अच्छा सोचें: हर चीज़ में अच्छा देखने की कोशिश करें। जब नेगेटिव सोच आए, तो खुद से कहें कि सब ठीक हो जाएगा।
- खुद की तारीफ करें: अपनी छोटी-छोटी सफलताओं को सराहें।
- गलतियों को भूलें: अपनी गलतियों को माफ करें और उनसे सीखकर आगे बढ़ें।
4. अपनों के साथ समय बिताएं
- दोस्तों और परिवार से बात करें: जो भी बात दिल में है, उसे शेयर करें। इससे मन हल्का होगा।
- समूह में जुड़ें: किसी ग्रुप या कम्युनिटी एक्टिविटी में हिस्सा लें। इससे नए लोग मिलेंगे और अकेलापन महसूस नहीं होगा।
5. मोबाइल और सोशल मीडिया से थोड़ा ब्रेक लें
हर वक्त मोबाइल पर स्क्रॉल करना छोड़ें। दिन में थोड़ा समय किताब पढ़ने, वॉक करने या सुकून भरे पल बिताने में लगाएं।
6. जरूरत पड़े तो मदद लें
अगर आप लंबे समय तक उदासी, चिंता या गुस्से में रह रहे हैं, तो किसी डॉक्टर, काउंसलर या भरोसेमंद इंसान से बात करें। ये कोई शर्म की बात नहीं है।
इन बातों को धीरे-धीरे अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाएं। याद रखें, खुश रहना और मन को सुकून देना सबसे जरूरी है।
मुझे मानसिक बीमारी होने की सबसे अधिक संभावना कब होती है?
मानसिक बीमारी की संभावना तब ज्यादा होती है जब:
- ज्यादा तनाव या भावनात्मक झटके होते हैं।
- अकेलापन महसूस होता है।
- बचपन में शोषण या आघात झेला हो।
- परिवार में मानसिक बीमारी का इतिहास हो।
- नशे की लत हो।
- नींद की कमी या शारीरिक बीमारी हो।
- बड़े बदलाव या जिम्मेदारियों का दबाव हो।
FAQ
मानसिक स्वास्थ्य से आप क्या समझते हैं?
मानसिक स्वास्थ्य का मतलब है हमारी मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक भलाई। यह हमारे सोचने, महसूस करने और कार्य करने के तरीके को प्रभावित करता है। जीवन में तनाव, रिश्तों में परेशानी और रोज़मर्रा की चुनौतियों से निपटने के लिए मानसिक स्वास्थ्य का मजबूत होना बेहद ज़रूरी है।
स्वास्थ्य के 3 प्रकार क्या हैं?
- खाने-पीने का ध्यान रखें: ताजे फल, हरी सब्जियां और हल्का खाना खाएं। जंक फूड से बचें।
- तनाव को दूर करे: हर दिन थोड़ा समय बैठकर ध्यान लगाएं। गहरी सांस लें और खुद को रिलैक्स करें।
- मोबाइल और सोशल मीडिया से थोड़ा ब्रेक लें: हर वक्त मोबाइल पर स्क्रॉल करना छोड़ें। दिन में थोड़ा समय किताब पढ़ने, वॉक करने या सुकून भरे पल बिताने में लगाएं।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं मानसिक रूप से बीमार हूं?
यह जानना कि आपको मानसिक बीमारी है या नहीं, एक बहुत ही सामान्य सवाल है। कई बार, लोग अपने मन की स्थिति को समझने में मुश्किल महसूस करते हैं।
मानसिक बीमारी के कुछ सामान्य लक्षण:
- मूड में अचानक बदलाव: लगातार उदास रहना, चिड़चिड़ापन, बेचैनी, या अत्यधिक उत्साहित रहना।
- नींद में बदलाव: नींद न आना, बहुत ज्यादा सोना, या नींद की गुणवत्ता में बदलाव।
- भूख में बदलाव: अत्यधिक भूख लगना या बिल्कुल भूख न लगना।
- ऊर्जा का स्तर कम होना: थकान महसूस करना, किसी काम में मन न लगना।
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई: किसी बात पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाना, भूलना।
- शारीरिक लक्षण: सिरदर्द, पेट दर्द, या अन्य शारीरिक समस्याएं जिनका कोई स्पष्ट कारण नहीं मिलता।
- असामान्य विचार: ऐसे विचार जो तर्कसंगत न हों या जो बार-बार दिमाग में आते रहें।
- व्यवहार में बदलाव: आक्रामक व्यवहार, चिड़चिड़ापन, या अजीब व्यवहार।
मानसिक बीमारी के 5 लक्षण क्या हैं?
मानसिक बीमारी होने की संभावना कई कारणों और स्थितियों पर निर्भर करती है। यह कुछ मानसिक बीमारी के लक्षण है –
- लंबे समय तक अकेलापन महसूस करना
- बचपन के आघात
- पारिवारिक इतिहास
- लत या नशे की आदतें
- किसी करीबी का निधन, रिश्ते का टूटना, या किसी बड़े नुकसान का सामना।
मेंटल हेल्थ को हिंदी में क्या कहते हैं?
मेंटल हेल्थ को हिन्दी में मानसिक स्वास्थ्य कहते हैं। यह व्यक्ति के भावनात्मक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को दर्शाता है। मानसिक स्वास्थ्य व्यक्ति के महसूस करने, सोचने और काम करने के तरीके को प्रभावित करती है।
आपको कैसे पता चलेगा कि किसी को मानसिक बीमारी है?
किसी व्यक्ति में मानसिक बीमारी होने का पता लगाना हमेशा आसान नहीं होता है। हर व्यक्ति अलग होता है और मानसिक बीमारियां भी अलग-अलग तरह की होती हैं। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षण होते हैं जिनके आधार पर आप अनुमान लगा सकते हैं कि कोई व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान हो सकता है।
मानसिक बीमारी के कुछ सामान्य लक्षण:
- मूड में अचानक बदलाव: लगातार उदास रहना, चिड़चिड़ापन, बेचैनी, या अत्यधिक उत्साहित रहना।
- नींद में बदलाव: नींद न आना, बहुत ज्यादा सोना, या नींद की गुणवत्ता में बदलाव।
- सामाजिक गतिविधियों से दूर रहना: दोस्तों और परिवार से मिलना-जुलना कम करना, अकेला रहना पसंद करना।
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई: किसी बात पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाना, भूलना।
- व्यवहार में बदलाव: आक्रामक व्यवहार, चिड़चिड़ापन, या अजीब व्यवहार।
सबसे दर्दनाक मानसिक बीमारी कौन सी है?
कुछ सामान्य मानसिक बीमारियां जो अक्सर दर्दनाक मानी जाती हैं:
- गहरा अवसाद: इसमें व्यक्ति लगातार उदास रहता है और जीवन में कोई रुचि नहीं लेता।
- द्विध्रुवी विकार: इसमें व्यक्ति के मूड में अत्यधिक उतार-चढ़ाव होते रहते हैं।
- चिंता विकार: इसमें व्यक्ति को लगातार चिंता और डर रहता है।
- पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD): किसी भयानक घटना के बाद व्यक्ति इस बीमारी से ग्रस्त हो सकता है।
- स्किज़ोफ्रेनिया: इसमें व्यक्ति को भ्रम और मतिभ्रम होने लगते हैं।